मुक्तक
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गर राहों में काटें हो तो चलने में मजा आता है ।
गर नूर मिलता किसी को तो जलने में मजा आता है ।
गर किसी के पेट की भूख मिट जाती है दो रोटी से
तो ऐसी रोटी को ही तो तलने में मजा आता है ।
दिलीप कुमार