Sunday, 15 March 2020

दोहा - कोरोना का रोना

                 दोहा- कोरोना का रोना 
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      कोरोना के कहर से , जगत हुए गमगीन ।
      दुनिया भर में फैलता , मूल देश है चीन। (1)

     क्या अमेरिका, क्या स्पेन, सबका खस्ता हाल ।
    किसी को ना हल सुझता , लगे विचित्र सवाल । (2) 

     मन्द अब बाजार पड़ा , ये कोविड की मार ।
     कोर-कसर न अब छोड़े , बचाव में सरकार । (3)

      अब तक ना बना टीका , पर जारी है खोज ।
      मुँह खोल सुरसा जैसे , लील रहे ये लोग । (4)

      कोरोना एक वायरस , फैले आग समान ।
      सिरदर्द, बुखार, खासी , इसके लक्षण जान  । (5)

       सिरदर्द या खाँसी हो , दौड़ तुम अस्पताल ।
       देर कहीं न बन जाए , तुम्हार काल अकाल । (6)

        सावधानी ही बचाव , मन्त्र इसे एक जान ।
        बार-बार हाथ धो ओ , अगर बचानी जान (7)

       मुँह में वस्त्र धारण कर , घर से बाहर निकल ।
       मुँह पट बदल बार-बार ,कर कोरोना विफल ।(8)

       दूरी बनाकर रखिए , परम-प्रिय क्यों न होय ।
      न हाथ मिला, न लग गले , सलाम मुँह से होय।(9)

      भीड़-भाड़ से दूर हट , घर में समय निकाल ।
      अगर जरूरी न हो तो , यात्रा दो तुम टाल । (10)

                                               दिलीप कुमार
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