। । चौपाई ।।
वंदना
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सुनो प्रभु तुम विनती हमारी । हाथ जोड़ करूँ जय तुम्हारी ।।
काम,क्रोध ,मद ,लोभ अपारा । दूर करो ये दोष हमारा ।।
मालिक तुम हम दास तुम्हारा । तुम करते सबका उद्धारा ।।
हमरो करहू तुम उद्धारा । सविनय है बस यही हमारा ।।
हम निर्बल हैं तुम बलवाना । तुमसे होत जगत कल्याना ।।
हमरो करहू तुम कल्याना । अर्ज एक है देहुँ तुम ध्याना ।।
हममें है सब दुर्गुण भारी । एक तुम्ही हो बस सदाचारी ।।
दूर करो सब दोष बिहारी ।। अरदास ये तुमसे हमारी ।।
तुम दीप हो जगत अँधियारा । तुमसे जग में है उजियारा ।।
हमें भी तुम ज्योति दो साईं । सबकी तुमसे यही दुहाई ।।
तुम रहते प्रसन्न हर बारा । बाकी जगत सदा दुखियारा ।।
दूर करो सबकी बदहाली । यही मांग रहे हम कपाली ।।
भक्ति भाव ना जाने कोई । पूजा पाठ न हमसे होई ।।
हमें सद्गुण तुम देहुँ कोई । अर्चना करें ये सब कोई ।।
क्षमा करो सब पाप हमारे । शरण में हैं अब हम तुम्हारे ।।
सदगति हमें दे धनुर्धारी । यह प्रार्थना है अब हमारी।।
दिलीप कुमार
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